
कुमाऊं विश्वविद्यालय के विजिटिंग प्रोफेसर निदेशालय द्वारा आज बायोमैग्नेटिक थेरेपी पर एक कार्यशाला का आयोजन किया गया। मुख्य वक्ता त्रिलोक सिंह फर्त्याल ने कहा कि बायोमैग्नेटिक थेरेपी से रक्त संचार और तंत्रिका तंत्र में सुधार होता है। उन्होंने बताया कि यह थेरेपी शरीर को संतुलित करने में मदद करती है।
कार्यशाला में त्रिलोक फर्त्याल, मंजू साह, और राजकुमार बासकोटी ने अपने उत्पादों का प्रदर्शन किया, जो आयुष मंत्रालय से मान्यता प्राप्त हैं। कार्यशाला में प्रोफेसर गीता तिवारी, डॉ. पैनी जोशी, डॉ. ईरा तिवारी, डॉ. मैत्रेय नारायण, डॉ. नगमा परवीन, डॉ. नवीन पांडे, पंकज कश्यप, विशाल बिष्ट, आनंद, दिशा, हिमानी, और अदिति जोशी सहित शोध छात्र उपस्थित रहे।