कुमाऊं विश्वविद्यालय और कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के बीच समझौता

नैनीताल, कुमाऊं विश्वविद्यालय, नैनीताल और कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय, कुरुक्षेत्र के बीच 22 अगस्त 2024 को एक महत्वपूर्ण समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए गए। यह समझौता ज्ञापन कुमाऊं विश्वविद्यालय के रसायन विज्ञान विभाग और कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के बीच साझेदारी का एक महत्वपूर्ण कदम है, जो कचरे को मूल्यवर्धित उत्पादों में बदलने की पहल को और मजबूत करेगा।

समझौता ज्ञापन पर कुमाऊं विश्वविद्यालय के प्रोफेसर एन.जी. साहू, निदेशक, रिसर्च एंड डेवलपमेंट सेल, और कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार, डॉ. संजीव शर्मा ने औपचारिक हस्ताक्षर किए। इस अवसर पर दोनों विश्वविद्यालयों के प्रतिनिधियों ने नैनोसाइंस और नैनोटेक्नोलॉजी के क्षेत्र में सहयोग के प्रति अपनी प्रतिबद्धता प्रकट की।

इस एमओयू का उद्देश्य दोनों संस्थानों के बीच विद्वानों, शोधकर्ताओं और छात्रों के आदान-प्रदान को बढ़ावा देना, सांस्कृतिक और शैक्षणिक माहौल को सुदृढ़ करना, और विशेषज्ञता के आदान-प्रदान को प्रोत्साहित करना है। समझौते के तहत शोध सुविधाओं के आपसी उपयोग पर भी जोर दिया गया है, जिससे शोधकर्ताओं को अत्याधुनिक उपकरणों और संसाधनों तक पहुंच मिल सकेगी।

इस अवसर पर कुमाऊं विश्वविद्यालय के प्रोफेसर एन.जी. साहू ने कहा, “कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के साथ यह साझेदारी हमारी वैश्विक शैक्षणिक उत्कृष्टता के प्रति हमारी प्रतिबद्धता का प्रमाण है। ज्ञान, विचारों और संसाधनों का यह आदान-प्रदान दोनों संस्थानों के शोध समुदायों के लिए अत्यंत लाभकारी होगा।”

कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति, प्रोफेसर सोम नाथ सचदेवा ने इस साझेदारी के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि यह नए अनुसंधान और शैक्षणिक सहयोग के अवसरों को खोलता है। उन्होंने कुमाऊं विश्वविद्यालय के प्रयासों की सराहना की और इस एमओयू को विशेष रूप से कचरे से ग्राफीन उत्पादन के क्षेत्र में भविष्य के शोध प्रयासों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम बताया।

इस एमओयू पर कुमाऊं विश्वविद्यालय के कुलपति, प्रोफेसर दीवान एस. रावत ने कहा, “यह समझौता ज्ञापन हमारे सहयोगात्मक शोध और नवाचार प्रयासों में एक महत्वपूर्ण प्रगति का प्रतीक है। कचरे के पुनर्चक्रण पर ध्यान केंद्रित करते हुए, यह साझेदारी वैश्विक चुनौतियों का सामना करने के लिए हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाती है। मुझे विश्वास है कि यह सहयोग नए खोजों की शुरुआत करेगा और शैक्षणिक और शोध उत्कृष्टता के नए मानक स्थापित करेगा।”

इस अवसर पर कुमाऊं विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रोफेसर अतुल जोशी, आईक्यूएसी निदेशक प्रोफेसर संतोष कुमार, संकायाध्यक्ष विज्ञान संकाय प्रोफेसर चित्रा पांडे सहित अन्य संकाय सदस्यों ने इस महत्वपूर्ण उपलब्धि पर हर्ष व्यक्त किया।

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