कुमाऊं विद्वविधालय के निदेशक विजिटिंग प्रोफेसर निदेशालय फेलो ऑफ रॉयल सोसाइटी ऑफ बायोलॉजी प्रो ललित तिवारी ने रा ए आर आई , सीसीआरएस थापला में आयोजित एक दिवसीय कार्यशाला

में लोक वनस्पति विज्ञान एवं फॉक लोर पर व्याख्यान दिया ।प्रो तिवारी ने कहा की भारत में 500 एथनिक समुदाय है ।325 से ज्यादा बोलिया प्रचलन में है ।7500 प्रजातियां औषधीय गुणों से युक्त है । परंपरागत ज्ञान तथा एथनो मेडिसिन भी बड़ी संख्या में लोग इस्तमाल करते है ।प्रो ललित नए कहा की भारत में जानकी अमाल तथा डॉक्टर एसके जैन का कार्य इस में अतुलनीय है ।प्रो स्चूल्ज को एथनोबॉटनी का जनक माना जाता है ।उन्होंने एथोबोटेनी सर्वे तथा भारत में इस क्षेत्र पर हो रहे कार्यों को पूर्ण रूप से समझाया ।प्रो वाई पी एस पांगती तथा प्रो आरडी गौर नए कुमाऊं तथा गढ़वाल की सूचना एकत्र की।एथनोबोरेनी सूचना को एकत्र करना प्राथमिकता होनी चाहिए जिससे इसके सकारात्मक भाव को हम विज्ञान से जांच कर सके ।उन्होंने घर पर होने वाले इलाज ताऊ दाम ,दम्मना, फायर थ्रैपी , एरोमा थेरेपी ,एक्यूपंक्चर, एक्यूप्रेशर को विस्तार से समझाया । प्रो तिवारी ने धार्मिक पौधो तथा लोकगीतों लोकसहित्य पर पर भी चर्चा की। कार्यशाला में पूर्व प्रभारी डॉक्टर जीसी जोशी ने हार्बेरियम बनने की विधि बताई।डॉक्टर जोशी ने कहा की हार्बेरियम पौधो के नाम कारण का आधार है. प्रो ललित तिवारी एवम डॉक्टर जोशी को पुष्प गुच्छ एवम शॉल उड़ाकर सम्मानित किया गया।

इस अवसर पर डॉक्टर एन श्रीकांत डिप्टी डायरेक्टर जनरल सीसीआरए एस न्यू दिल्ली ,डॉक्टर अचिंत मित्रा,डॉक्टर गजेंद्र राव, डॉक्टर दिया दीपशिखा ,डॉक्टर नवीन पांडे ,डॉक्टर आशीष पांडे ,डॉक्टर सतीश आर्य ,डॉक्टर प्राची पंत ,,लता नितवाल,प्रांजलि तिवारी सहित विद्यार्थी उपस्थित रहे।

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