उत्तराखंड यूसीसी बिल में नया नियम बिना रजिस्ट्रेशन, लिव रिलेशन में अब होगी जेल।

विधानसभा में यूनिफॉर्म सिविल कोड को पेश कर दिया गया है। इसी के साथ इस बिल के मुख्य प्रावधानों के बारे में जानकारी निकल कर सामने आई है। उत्तराखंड यूसीसी बिल में मुख्य रूप से शादी, तलाक और उत्तराधिकार के विषय की व्याख्या की गई है।

उत्तराखंड यूसीसी बिल में शादी की न्यूनतम उम्र में बदलाव नहीं, रजिस्ट्रेशन अनिवार्य

शादी के एक साल तक तलाक के लिए नहीं डाल सकेंगे अर्जी, बिना तलाक दूसरी शादी नहीं

उत्तराधिकार में सभी संतानों को बराबर हक, गोद ली गई संतान से भी नहीं कर सकेंगे फर्क

तलाक पर

तलाक को लेकर कई कड़े प्रावधान किए गए हैं। किसी भी लड़के या लड़की को शादी के तुरंत बाद तलाक की सुविधा नहीं रहेगी। शादी की एक साल की अवधि पूरी होने के बाद ही तलाक की अर्जी दायर की जा सकेगी। मुस्लिम समाज में तीन तलाक जैसी व्यवस्था का अंत हो जाएगा। कानूनी तौर पर तलाक के लिए हिंदू और मुस्लिम सभी वर्ग को एक समान तरीके से प्रक्रिया से गुजरना होगा। पहले से शादीशुदा व्यक्ति को बिना तलाक लिए दूसरी शादी की इजाजत नहीं दी जाएगी। अगर कोई शादी करता है तो उसे योजनाओं का लाभ नहीं मिल पाएगा।

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