
श्रीमद् देवी भागवत महापुराण के सातवें दिन व्यास देवेश चंद्र शास्त्री ने देवी के विभिन्न रूपों और शक्तियों का वर्णन किया। व्यास जी नए कहा कि महिषासुर वध, चंडी के अवतारों, और भक्तों पर कृपा के साथ-साथ देवी की असीम शक्ति और महिमा को दर्शाती है।
व्यास जी ने देवी के विभिन्न रूपों जैसे महाकाली, महालक्ष्मी, और महासरस्वती का वर्णन किया जो विभिन्न शक्तियों और गुणों का प्रतिनिधित्व करते हैं.
व्यास जी ने कथा सुनते हुए बताया कि असुर महिषासुर पर विजय प्राप्त कर शक्ति और न्याय की जीत के लिए देवी का यह रूप है । ये विभिन्न परिस्थितियों में देवी के प्रकट रूप में होते हैं.

जो भक्तों पर उनकी कृपा और आशीर्वाद तथा भक्ति और निष्ठा के लिए होता है देवी की असीम शक्ति और महिमा को सभी को प्रेरित कर उन्हें मार्गदर्शन प्रदान करती है. श्रद्धा और भक्ति को बढ़ावा देकर भक्तों को देवी की शक्ति और कृपा पर विश्वास करने के लिए प्रेरित करती है। आज यजमान कविता गंगोल एवं मनोज साह रहे ।
।इस अवसर पर मनोज साह ,जगदीश बावड़ी ,अशोक साह , बिमल चौधरी , मुकेश जोशी ,राजेंद्र लाल साह, देवेंद्र लाल साह,हीरा सिंह ,कैलाश बोरा , मिथिलेश पांडे ,आनंद बिष्ट ,हरीश पंत ,राजेंद्र बिष्ट ,बिमल साह , बिमल चौधरी ,भुवन बिष्ट , मुन्नी भट्ट , जया पालीवाल ,सुमन साह , मोहित लाल साह सहित ,भावना , पुष्पा बावड़ी ,केदार सिंह राठौर ,खुशहाल कार्की , आनंद बिष्ट हरीश राणा धर्मेंद्र शर्मा दर्शन , एडवोकेट मनोज साह गोविंद सिंह ,, दिनेश भट्ट ,एडवोकेट चक्रधर बहुगुणा ,, डॉ मनोज बिष्ट ,कमलेश ढौंडियाल , ,गिरीश भट्ट , जेठी , गिरीश भट्ट ,प्रॉफ ललित तिवारी , सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे।